Sunday, November 7, 2010

अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......

लड़कियों के डर भी अजीब होते हैं



भीड़ में हों तो लोगों का डर


अकेले में हों तो सुनसान राहों का डर


गर्मी में हों तो पसीने से भीगने का डर


हवा चले तो दुपट्टे के उड़ने का डर


कोई न देखे तो अपने चेहरे से डर






कोई देखे तो देखने वाले की आँखों से डर


बचपन हो तो माता-पिता का डर


राह में कड़ी धुप हो तो,चेहरे के मुरझाने का डर


बारिश आ जाये तो उसमें भीग जाने का डर






वो डरती हैं और तब तक डरती हैं


जब तक उन्हें कोई जीवन साथी नहीं मिल जाता


और वही वो व्यक्ति होता हैं जिसे वो सबसे ज्यादा डराती है!


हमें तो अपनों ने लूटा,गैरों में कहाँ दम था.


मेरी हड्डी वहाँ टूटी,जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.






मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,उसका पेट्रोल ख़त्म था.


मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,


क्योंकि उसका किराया कम था.


मुझे डॉक्टरों ने उठाया,नर्सों में कहाँ दम था.


मुझे जिस बेड पर लेटाया,उसके नीचे बम था.


मुझे तो बम से उड़ाया,गोली में कहाँ दम था.


और मुझे सड़क में दफनाया,


क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था


नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,


अगर काम पड़े तो याद करना,


मुझे तो आदत है आपको याद करने की,


अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......